कुछ क्षेत्रों में देखा गया की ब्राउन प्लांट हापर यानि भूरा फुदका का भी संक्रमण थाA इस बीमारी में पौधे बाली से निचली सतह पर भूरे व काले रंग के मछार उड़ते हुए दिखाई देते हैं जो फसलों से रस चूसकर पौधों को सुखा देते हैं इनका संक्रमण इतना तेज होता है की पूरा खेत की फसल शीघ्र सुख जाती हैA इसके नियंत्रण के लिए पयारोमेत्रिजिन 50 डब्लू पी का 150 ग्राम या क्लोरेन्त्रोनिलिप्रोल 18 एस एल का 60 मिली फ्लोनिकामाईट 50 डब्लू जी का 100 ग्राम 150 लीटर पानी की दर से घोल बनाकर प्रति एकर छिडकाव करना चाहिएA कुछ क्षेत्रों में केस वर्म यानि पत्ती लपेटक कीट का भी संक्रमण पाया गया जिसमें कीट पत्ती को लपेट कर जला बनाकर रहता है तथा पत्ती के हरे भाग को खुरचकर खता है जिससे पत्ती सफ़ेद जालीदार बन जाती हैA इसके नियंत्रण हेतु प्रोपेनोफोस 40 इ सी + साएपरर्मेथ्रिन का 300 मिली दवा 150 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकर छिडकाव करना चाहिएA कुछ जगहों पर सैनिक कीट का प्रकोप भी पाया गया जिसमें कीट शाम के के समय पौधे के बालियों एवं पत्तियों को काट कर गिरा देता है जिसके नियंत्रण हेतु क्लोरोपेरिफास 20 ई सी 300 मिली दवा 150 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिएA
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